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स्टाम्प प्रशासन की कोई एकमात्र स्वतन्त्र व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा नहीं की गयी है, बल्कि भारतीय स्टाम्प अधिनियम,१८९९ के प्राविधानों को लागू करने के लिए निर्धारित विभागीय अधिकारियों सहित अन्य लोक सेवकों को भी भारतीय स्टाम्प अधिनियम,१८९९ के प्राविधानों के अधीन स्टाम्प देयता का परीक्षण करने तथा उसे समुचित रूप से स्टाम्प लगवाने के लिए उत्तरदायी बनाया गया है। इस सन्दर्भ में भारतीय स्टाम्प अधिनियम, १८९९, किसी एक विषेच्च विभाग का कार्यक्षेत्र न होकर उन सब विभागों से सम्बन्धित अधिनियम है, जिनमें स्टाम्प का प्रयोग किसी लेखपत्र में किया जाता है। इस अधिनियम के प्राविधानों के अर्न्तगत विलेखों पर समुचित स्टाम्प शुल्क की देयता सुनिष्चित कराना/करना , ऐसे समस्त अधिकारीगण की जिम्मेदारी है, जिनके सामने उनके कार्य के सम्बन्ध में विलेख प्रस्तुत होते हैं। अधिकतम स्टाम्प राजस्व का अर्जन, अकेले स्टाम्प एवं निबन्धन विभाग द्वारा ही किया जा रहा है।